जौनपुर -देव लोक के स्वामी नारद भगवान आज भी सत्यगामी बनकर सत्य बचन का प्रसार कर रहे है। उनकी वाणी सबको प्रिय है। हर लोक मेउनका आना जाना लगा रहता है। बात खरी ,खरी कहते है।निडर है। लेकिन सिर्फ ईश्वरीय ...
Read More »अस्थमा का उपचार नेबुलाइजर सबसे बेहतर व प्रभावी तरीका, डा.वीएस उपाध्याय,236 लोगों का नि:शुल्क जांच
जौनपुर लायन्स क्लब जौनपुर द्वारा विश्व अस्थमा दिवस के अवसर पर आशादीप हास्पिटल अहियापुर पर नि: शुल्क अस्थमा जांच शिविर लगाया गया । जिसमें लगभग 236 लोगो का जांच किया गया|संस्था अध्यक्ष रामकुमार साहू ने आये हुए लोगो का स्वागत किया| मरीज़ो की जांच, श्वांस वह्रदय एंव डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डा वी एस उपाध्याय ने किया तथा परामर्श देते हुए बताया कि सांस लेने मे तकलीफ होने को अस्थमा कहते हैं किसी चीज़ से एलर्जी या प्रदूषण के कारण लोगो मे यह बीमारी आम देखने को मिलती हैं|अस्थमा दमा ये श्वसन तंत्र की बीमारी है ।जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाताहै। क्योंकि श्वसन मार्ग में सूजन आ जाने केकारण वह संकुचित हो जाती है। इस कारणछोटी–छोटी सांस लेनी पड़ती है, छाती मे कसाव जैसा महसूस होता है, सांस फूलने लगती है और बार–बार खांसी आती है।अस्थमा फेफड़ों को प्रभावित करता है|किसी भी उम्र में कभी भी ये बीमारी हो सकती है। दमा की बीमारी को दो भागो मे किया जा सकता है– विशिष्ट और गैरविशिष्ट। विशिष्ट प्रकार के दमा के रोग में सांस में समस्या एलर्जी के कारण होता है जबकि गैर विशिष्ट में एक्सरसाइज़, मौसम के प्रभाव या आनुवांशिक प्रवृत्ति के कारण होता है। आम तौर पर अगर परिवार मेंआनुवांशिकता के तौर पर अस्थमा की बीमारी है तो इसके होने की संभावना बढ़ जाती हैं| आगे डा उपाध्याय ने कहा कि जीवन की शुरूआत से लेकर मृत्यु तक सांस लेना शरीर की एक अहम क्रिया है,और यदि इसमे तकलीफ है तो अपने चिकित्सक से तुरन्त मिले| अस्थमा से उपचार के लिए इन्हेलर का प्रयोग कारगरतरीका है, लेकिन नेबुलाइजर थेरेपी सबसे बेहतर और प्रभावी इलाज है और अबपोरटेबुल नेबुलाइजर आ गया है जो बैटरी से भी आपरेट होता है| इस अवसर पर वाइस डिस्ट्रिक्टगवर्नर डा. क्षितिज शर्मा, रीजन चेयरमैनसैय्यद मोहम्मद मुस्तफा, शकील अहमद,शत्रुघन मौर्य, राधेरमण जायसवाल, सुभाषयादव, अवधेश मौर्य, अजय चौहान, संदीपश्रीवास्तव, महेन्द्र नाथ सेठ, अरूण त्रिपाठी,सुरेश चंद्र गुप्ता, अशोक मौर्य, अश्वनी बैंकर,अमित पांडेय, सोमेश्वर केसरवानी, आदिलोग उपस्थित रहे| — जेडीसिंह
Read More »कोई प्रेम के झरने से भरा होता है तो कोई सूखा रहता है, हर किसी का अलग,अलग यात्रा, रुझान और दृष्टि है
एक-एक व्यक्ति की अलग-अलग यात्रा है,अलग-अलग रुझान है, अलग-अलग दृष्टि है।किसी को संगीत प्यारा लगता है,और किसी को केवल शोरगुल मालूम होता है।किसी के पास सौंदर्य को अनुभव करने की क्षमता होती है,और किसी के पास सिवाय पत्थर के,और हृदय ...
Read More »ग्वाल परिवार के लोगों ने दिया, मां दुर्गा को कराहा,भगत ने मातृत्व शक्ति का कराया एहसास,खौलते दूध मे हाथ डालकर भक्तों को खीर का प्रसाद देना किसी आश्चर्य से कम नहीं
वाराणसी। मां की भक्ति का एक सुन्दर भाव देखने को मिला। ग्वाल परिवार के लोग मां दुर्गा को कराहा देकर भक्ति का एक अनोखा मिशाल पेश किये। पिण्डरा तहसील क्षेत्र के खरावन भैसा गांव मे मां दुर्गा को कराहा दिया ...
Read More »राम का जप व इष्ट ध्यान ही ब्रम्हविद्या,यथार्थ गीता का अनुशीलन करिये और महाभारत शुरु कर दीजिए, अर्जुन की तरह तत्वदर्शी महापुरुष की शरण लीजिए
शक्तेषगढ।मिर्जापुर। परम पूज्य स्वामी अडगडानंद जी महाराज वर्ष 1955 में परमहंस स्वामी परमानंद जी की शरण मे अनसुइया आश्रम चित्रकूट में 23 वर्ष की उम्र में पधारे थे । आश्रम बहुत ही दुर्गम स्थल पर है । उस जमाने मे ...
Read More »भगवान अघोरेश्वर की महिमा,करपात्री महराज जब पड़ गये आश्चर्य मे
परम पूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी (सरकार बाबा) जशपुर राज घराने की घटना……… #महाप्रभु भगवान अघोरेश्वर और परम सन्त स्वामी करपात्री जी के मध्य घटी घटना से समबन्धित एक प्रसँग बात करीब 1957 की है, बाबा जशपुर पैलेस मे थे,उन ...
Read More »मृत्यु है नाव से उतर जाना, जन्म है नाव मे बैठना
जन्म है नाव में बैठना! नवीन जैन मृत्यु है नाव से उतर जाना, बीच में सब मित्रताएं हैं, शत्रुताएं हैं। हम कितना फैलाव कर लेते है, हम कितना पसारा कर लेते है, कितनी आसक्तियां, कितने मोह, किस किस भांति हम ...
Read More »भाजपा का भयमुक्त, भष्टाचार मुक्त नारा थोथा साबित हो रहा, काशी की सनातन संस्कृति को लेकर बनारस चिन्तित
दिल्ली। भाजपा का भयमुक्त, भष्टाचार मुक्त का नारा थोथा साबित हो रहा है, हालांकि वर्षों का कोढ़ साफ करने का प्रयास किया जा रहा है।देखिए कब तक रामराज्य आता है। सबका साथ,सबका विकास की कोशिश है। सोच बदल रहा है।देश.बदल ...
Read More »उस सार्थक मे जो जीना सीख लिया, वह सन्यासी है
एक कहानी मैंने सुनी है—एक था चूहा, एक थी गिलहरी। चूहा शरारती था, दिनभर चीं—चीं करता हुआ मौज उड़ाता। गिलहरी बड़ी भोली— भाली थी, टीं—टीं करती हुई इधर—उधर घूमा करती। संयोग से एक बार दोनों का आमना—सामना हो गया। अपनी ...
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