जौनपुर। वर्तमान समय मे झूठ बोलने वालो की संख्या कुछ ज्यादा हो गया है। धरती पर ऐसे भी मनुष्य है जो कहते कुछ है और करते कुछ है। खुद के फायदे के लिए कायदा भी बिगाड लेते है। समस्या तब उत्पन्न होती है जब कोई व्यक्ति बार,बार झूठ बोलता है और किसी काम के लिए स्पष्ट नही कहता यह काम हमसे नही होगा। बस आज होगा, कल होगा, ऐसे वर्षो बीत जाते है। व्यक्ति कह, कह के थक हार जाता है फिर कोशिश करता है। आश्वासन मिलता बस बहुत जल्द काम हो जायेगा। ऐसे लोग आज के समाज मे बहुतायत मिल जाते है। वह दिनभर झूठ बोलते है। झूठ बोलकर ही उनके जीवन का गुजर बशर होता है। कुछ लोग किन्ही,किन्ही विषयो के विशेषज्ञ होते है।अक्सर लोग किसी न किसी काम के लिए उनके पास जाते रहते है। काम करते है। आधा, अधूरा। मंजिल तक पहुंचने नही देते। फसा के रखते है और आर्थिक दोहन करते रहते है। काम को इतनी बुरी तरह फसा देते है कि उनके शिवा काम होना नही है। मजबूरी है उनके पास बार, बार जाना पड़ेगा और काम होना नही है। ऐसे लोगो को यह सोचना चाहिए हर मनुष्य ईश्वर का अंश है। कोई मानता है कोई नही मानता। जो मानता है भगवान के चरणो मे अपने जीवन को सौप देता है। भगवान उसके साथ हर वक्त खड़े है। जो भगवान के भक्तो की उपेक्षा करता है। मानसिक, शारीरिक,आर्थिक शोषण करता है। परेशान करता है करवाता है। उसके सामने विपत्ति ही विपत्ति है। परेशान है। नाना प्रकार की बीमारी समय,समय पर घेरती रहती है। जिसमे वह सना पडा है। भगवान के भक्त बहुत निर्बल होते है। चाहे उन्हे जितना परेशान करो वह प्रभु के प्रभुता मे मस्त रहते है। निफिकिर और निडर है। सहज और सरल है। उनका कोई कुछ बिगाड नही सकता। इतना जरुर है सत्य मार्ग परेशानी का है। इसमे अजेय कम लोग ही हो पाते है। गरीबो का हक मारकर मालामाल होने वाले धरती के कुछ लोग पाप बटोर रहे है। पाप का घडा जब फटता है तब भयंकर तबाही का मंजर सामने होता है। हकीकत से अमूमन इन्सान रोज दो चार हो रहे है। चाहे जो दौर रहा है गरीबो का आर्थिक और मानसिक के साथ शारीरिक शोषण सदैव से होता आ रहा है। जुगाड से जब किसी के हाथ कुछ सिस्टम लग जाता है तब वह फूले नही समाता। सिस्टम मे जोड़ने के नाम पर खेल हो रहा है। जुड़ जाने पर भी खेल है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे गरीब मेहनत से काम करते है। उनकी मजदूरी कुछ होती है मिलता कुछ है। बेचारे कुछ बोल नही पाते। कुछ झूठ बोलने वाले ऐसे है। उनकी बातो मे दम होता है। उनके गाड फादर भी है। जिनकी बदौलत धन्धा चल रहा है। साफ, साफ मुह पर बात कहने वाला इंसान अच्छा होता है। कुछ झूठ्ठे ऐसे भी है। जो मनुष्य को गोल,गोल घुमाते है। भरमाते है। बात कुछ कहते है। करते कुछ है। हालांकि बात समझ मे आ जाती है। लोग हकीकत जान करके निगाह से ऐसे लोगो को उतार दे रहे है। एक बनो नेक बनो,जात पात धर्म मजहब से उत्पन्न नफरत को मिटाना है। सबमे भाईचारा लाना है। भारत राष्ट्र के गौरव को बढ़ाना है। मानवता को विजयी बनना है। जय मानव समाज की। राम जी करेंगे बेडापार उदासी मन काहे को डरे। जगदीश सिंह संपादक