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सिग्नेचर तक सिमित है,साधन सहकारी समितिओ के सभापति का अधिकार, जबकि सर्वाधिक अधिकार है सुरक्षित, किसान समस्याओ को कराये अवगत, होगा समाधान

जौनपुर। साधन सहकारी समितिओ के प्रबंध कमेटी के सदस्यो के अपने अधिकार है। साथ ही समिति के सभापति का सर्वाधिक अधिकार सुरक्षित है। प्रशासनिक अधिकार व वित्तीय अधिकार वाले सभापति का निर्णय सर्वमान्य है। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित दस लोगो की प्रबंध कमेटी के सदस्यो द्वारा समिति के क्रिया,कलाप का संचालन करना है। ऐसा जान पड़ता है, प्रबंध कमेटी की बैठक मे कागजी कोरम पूरा होता है। कार्यवाही लिख ली जाती है और सदस्यो से सिग्नेचर करवा लिया जाता है। बहुत से कार्य तो ऐसे हो जाते है प्रबंध कमेटी के पास बस सिग्नेचर के अलावा कोई चारा नही बचता है। एडीओ कोऑपरेटिव रामनगर रतनेश सिंह ने कहा कि सहकारिता आन्दोलन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकार प्रतिबद्ध है। बताया कि सभापति का अधिकार है समिति और किसान हित मे कोई भी निर्णय ले सकता है। उन्होंन कहा कि सचिव का कार्य किसानो को सरकार द्वारा उपलब्ध बहुउद्देश्यीय सेवाओ का लाभ पहुंचाना है। जब उनसे पूछा गया कि कुछ ऐसे लोग है जो कुछ समितिओ पर अपना एकल अधिकार समझते है जो उनके मन मे आता है वैसा करते है। जबाब मे उन्होंन कहा कि समिति किसानो की सेवा के लिए तत्पर है। कम्प्यूटरीकृत होने के बाद सब सिस्टम आन लाइन हो जायेगा और सारे समस्याओ का समाधान आसानी से सुलभ होगा। खाद तो किसानो को मिल रहा है। बीज भी मिल रहा था। कुछ सालो से बंद है। जो जल्द चालू होगा। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खुलेगा। समितिओ से जेनरिक दवा भी मिलेगी। जनपद के पाच समितिओ से दवा मिलना शुरु है। साधन सहकारी समिति तरती के सभापति डा• सुनील सिंह ने बातचीत के दौरान कहा कि तरती न्याय पंचायत के किसानो की कोई भी समिति से संबंधित समस्या है तो उसे अवगत कराये,जिसका समाधान होगा। कहा कि सरकार की जो मन्शा है उसी के अनुरूप कार्य होगा। बहुउद्देश्यीय सुविधा से किसान जुड़े और लाभ प्राप्त करे। जेडी सिंह

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