🌹गुरु के दर्शन🌹 राजन स्वामी ओशो एक बार गुरु नानक देव जी से किसी ने पूछा कि गुरु के दर्शन करने से क्या लाभ होता है ? गुरु जी ने कहा कि इस रास्ते पर चला जा, जो भी सबसे ...
Read More »जब महादेव ने मृतक को जिन्दा कर दीये
स्वार्थ और संवेदना :– शीतला दूबे —————————- 🚩एक ब्राह्मण को विवाह के बहुत सालों बाद पुत्र हुआ. लेकिन कुछ वर्षों बाद बालक की असमय मृत्यु हो गई ब्राह्मण शव लेकर श्मशान पहुंचा वह मोहवश उसे दफना नहीं पा रहा था ...
Read More »थाइराइड की समस्या से जूझ रहे लोगो का अचूक उपचार
🌻थाइराइड का अचूक उपचार🌻 आज के समय में ज़्यादातर लोगों को थाइराइड की समस्या है, इसके कारण सैकड़ों बीमारियां घेर लेती है। मोटापा इसी के कारण बढ़ जाता है। लोग दवा खाते रहते हैं लेकिन ये ठीक नही होता। ...
Read More »उस सार्थक मे जो जीना सीख लिया, वह सन्यासी है
एक कहानी मैंने सुनी है—एक था चूहा, एक थी गिलहरी। चूहा शरारती था, दिनभर चीं—चीं करता हुआ मौज उड़ाता। गिलहरी बड़ी भोली— भाली थी, टीं—टीं करती हुई इधर—उधर घूमा करती। संयोग से एक बार दोनों का आमना—सामना हो गया। अपनी ...
Read More »जिसके पास गुरु नही, उसका जीवन अभी शुरु नही
🍁🍁🕉श्री परमात्मने नमः 🙏🙏🍁🍁 गोस्वामी तुलसीदासजी ने एक बड़ी गूढ़ बात कही है रवि पंचक जाके नहीं, ताहि चतुर्थी नाहिं। तेहि सप्तक घेरे रहे, कबहुँ तृतीया नाहिं।। गोस्वामी तुलसीदासजी महाराज कहते हैं कि जिसको रवि पंचक नहीं है, ...
Read More »नृत्य ही पूजा, नृत्य ही ध्यान, आम आदमी आज भी नाच रहा है, सभ्य आदमी नाच भूल गया है
*ओशो:-* नाचने का अर्थ, तुम्हारी ऊर्जा बहे मेरे लिए नृत्य ही पूजा है। नृत्य ही ध्यान है। नृत्य से ज्यादा सुगम कोई उपाय नहीं, सहज कोई समाधि नहीं। नृत्य सुगमतम है, सरलतम है। क्योंकि जितनी आसानी से तुम अपने ...
Read More »ईश्वर की शक्ति से संचालित हो रहा सबका जीवन, अहंकार से बेडा गर्त की ओर
जौनपुर। भगवान की महिमा अपरम्पार है। जिसनें उसे सच्चे दिल से याद किया।उसकी हर मनोकामना पूरी होती हैं।जिसकी जैसी आस्था होती है उसको वैसा फल मिलता है।विश्व का हर प्राणी उसी का स्वरूप है। जीव आत्माओं से प्रेम करने पर ...
Read More »मन को परमात्मा मे लगाना, ध्यान द्वारा चित्त को एकाग्र करना,योग का अर्थ क्रमशः: समाधि, जोड़ और संयमन होता है
पालघर।मुबंई योग शब्द का नाम आने पर जनसामान्य में कुछ शारीरिक क्रिया (आसन) की ही अवधारणा का प्रस्फुटन होता है । जो सही नहीं है इसलिये आयें देखें,योग क्या है?- योग शब्द ‘युज्’ धातु में ‘घञ्’ प्रत्यय लगाने से निष्पन्न ...
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