जौनपुर। लोकदल.पार्टी के राष्ट्रीय सचिव घनश्याम दूबे ने विशेष बातचीत मे कहां कि किसान त्याग और तपस्या का दूसरा नाम है । वह जीवन भर मिट्टी से सोना उत्पन्न करने की तपस्या करता रहता है । तपती धूप, कड़ाके की ...
Read More »प्रत्येक जीव उत्तम ब्यवस्था एवं रहन ,सहन खान ,पान के अन्तर्गत सुख मानता है, इसलिए पशु सूखी घास की अपेक्षा हरी घास अधिक पसंद करते है
*ॐ श्री सत गुरुदेव भगवान की जय ।* *ॐ श्री परमात्मने नमः ।।* स्वतंत्र अग्रहरी *।। सुख की खोज ।।* प्रत्येक जीव उत्तम व्यवस्था एवं रहन-सहन खान-पान के अंतर्गत सुख मानता है । इसलिए ...
Read More »समय के बिना किसी की इच्छा पूर्ण ही नही हो सकती,जीवन की चाह ही पूर्व जन्म का कारण,मृत्यु के क्षण भी जीने की लालसा
||🚩🚩ll ऊँ जय गुरूदेवम् ll🚩🚩|| ******* पूनर्जन्म! ही दुख का घर है , और जीवन की इच्छा ही पूनर्जन्म का कारण है । इच्छाओं की तृप्ति के लिए प्रायाप्त समय चाहिए । एक इच्छा अभी पूरी भी नही हुई कि ...
Read More »कम पानी पीने से शरीर मे डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ जाती है, डा. वीएस उपाध्याय, सायमा खान की स्मृति मे राहगीरों को गर्मी से राहत के लिए शहर मे दो जगह प्याउ शिविर लगा
दो से तीन लीटर पानी रोज़ पीना चाहिए-डा वी एस उपाध्याय पानी पिलाना बहुत ही पुन्य का कार्य-दिवाकर सिंह* जौनपुर। सायमा खान की स्मृति मे राहगीरो को गर्मी से राहत पहुंचाने हेतु शहर में दो जगहो पर प्याऊ शिविर लगाया ...
Read More »भगवान भाव के भूखे, भक्त का प्रेम उन्हें प्यारा,पापी मन प्रभु से जुड़ने नहि देता है सिर्फ भरमाता हैं,भटकाता है।
. कोई बहुत बड़े संत थे. अपनी जमात को लेकर घूम रहे थे जिसमें बहुत संत थे. एक बगीचा उनको दिखाई दिया. उस बगीचे में जाके वो रुके. . बहुत सुन्दर बगीचा था. संतो ने सोचा कि यहाँ जमात ...
Read More »शारदा सधवा ही रही,रामकृष्ण उसके लिए कभी नही मरे, प्रेम स्वयं मृत्यु है
*प्रेम मृत्यु को जानता ही नहीं* ♥🌹♥🌹♥🌹♥🌹♥🌹♥ मुकेश ओसो शारदा अकेली स्त्री है पूरे भारत के इतिहास में, पति के मरने पर जिसने चूड़ियां नहीं तोड़ीं। रामकृष्ण मरते थे। उन्हें गले का कैंसर हुआ था। डाक्टर ने कह दिया कि ...
Read More »कोई प्रेम के झरने से भरा होता है तो कोई सूखा रहता है, हर किसी का अलग,अलग यात्रा, रुझान और दृष्टि है
एक-एक व्यक्ति की अलग-अलग यात्रा है,अलग-अलग रुझान है, अलग-अलग दृष्टि है।किसी को संगीत प्यारा लगता है,और किसी को केवल शोरगुल मालूम होता है।किसी के पास सौंदर्य को अनुभव करने की क्षमता होती है,और किसी के पास सिवाय पत्थर के,और हृदय ...
Read More »राम का जप व इष्ट ध्यान ही ब्रम्हविद्या,यथार्थ गीता का अनुशीलन करिये और महाभारत शुरु कर दीजिए, अर्जुन की तरह तत्वदर्शी महापुरुष की शरण लीजिए
शक्तेषगढ।मिर्जापुर। परम पूज्य स्वामी अडगडानंद जी महाराज वर्ष 1955 में परमहंस स्वामी परमानंद जी की शरण मे अनसुइया आश्रम चित्रकूट में 23 वर्ष की उम्र में पधारे थे । आश्रम बहुत ही दुर्गम स्थल पर है । उस जमाने मे ...
Read More »उस सार्थक मे जो जीना सीख लिया, वह सन्यासी है
एक कहानी मैंने सुनी है—एक था चूहा, एक थी गिलहरी। चूहा शरारती था, दिनभर चीं—चीं करता हुआ मौज उड़ाता। गिलहरी बड़ी भोली— भाली थी, टीं—टीं करती हुई इधर—उधर घूमा करती। संयोग से एक बार दोनों का आमना—सामना हो गया। अपनी ...
Read More »जिसके पास गुरु नही, उसका जीवन अभी शुरु नही
🍁🍁🕉श्री परमात्मने नमः 🙏🙏🍁🍁 गोस्वामी तुलसीदासजी ने एक बड़ी गूढ़ बात कही है रवि पंचक जाके नहीं, ताहि चतुर्थी नाहिं। तेहि सप्तक घेरे रहे, कबहुँ तृतीया नाहिं।। गोस्वामी तुलसीदासजी महाराज कहते हैं कि जिसको रवि पंचक नहीं है, ...
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